बाजार में
आपने केले तो बहुत देखे होंगे लेकिन कभी ‘लाल रंग’ के केले पर गौर फरमाया
है. अब आप सोच रहे होंगे कि पिले और हरे रंग के केले तो बहुत देखे हैं और
खाए भी हैं लेकिन यह लाल रंग का केला कैसा और कहा होता है. हैरान होने की
जरूरत नहीं है जनाब, यह केला भले ही भारत की बाजारों में देखने को न मिले
लेकिन विश्व में एक ऐसी जगह है जहां इस तरह के केले को बड़े ही चाव के साथ
खाया जाता है.

स्वास्थ्य के लिए लाभदायक यह लाल रंग का
केला आस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं जहां इसे रेड डक्का कहा जाता है. यहां
ऐसे केले की पैदावार अच्छी खासी है. लाल केले की प्रजाति सबसे पहले मध्य
अमेरिका के कोस्टा रिका में खोजी गई थी. लाल केला अमेरिका के अलावा वेस्ट
इंडीज, मेक्सिको, जमैका,इक्वाडोर और ऑस्ट्रेलिया के कई भागों में लोकप्रिय
है. सबसे ज्यादा इसकी उपज ईस्ट अफ्रीका, साउथ अमरीका के देशों में होती है.
यही से पूरे विश्व में निर्यात किया जाता है. वैसे केले की यह प्रजाति
भारत के केरल में देखने को मिल जाती है.
यह केला खाने में पीले और हरे केले से
ज्यादा मीठा और नरम होता है. केले की परत उधेड़ने पर अंदर से बहुत ही नरम
(बिलकुल क्रीम जैसा) केला निकलता है जो हलका गुलाबी रंग लिए होता है. इसका
स्वाद आम की तरह है.
लाल केला अपने आप में बहुत सारा पोषण
समेटे है. लाल केलों में मौजूद पोटैशियम हार्ट मसल्स और डाइजेस्टिव सिस्टम
को सही तरीके से काम करने में सहायक होता है. लाल केला दिल से जुड़ी
बीमारियों और डायबिटीज के खतरे को कम कर देता है. विटामिन सी से भरपूर इस
फल में 110 कैलोरी होता है. इसमें फेट, केलोस्ट्रोल और सोडियम नहीं होता.
इसमें 29 ग्राम कारबोहाइड्रेट और एक ग्राम प्रोटीन होता है.
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